Saturday, 17 May 2025

श्री यंत्र मंदिर, हरिद्वार — माँ त्रिपुर सुंदरी की दिव्य उपासना स्थली

 


श्री यंत्र मंदिर, हरिद्वार — माँ त्रिपुर सुंदरी की दिव्य उपासना स्थली

लेखक: अनंतबोध चैतन्य | श्रेणी: तीर्थ, मंदिर दर्शन, श्रीविद्या साधना | भाषा: हिंदी


परिचय

हरिद्वार — गंगा के किनारे बसा वह पवित्र नगर जहाँ हर साँस में अध्यात्म गूंजता है। यहीं स्थित है एक दुर्लभ, जाग्रत और अत्यंत शक्तिशाली मंदिर — श्री यंत्र मंदिर, जो माँ त्रिपुर सुंदरी की श्रीविद्या उपासना का जीवंत केन्द्र है।

यह मंदिर केवल एक भवन नहीं, बल्कि शक्ति, तंत्र और ध्यान का एक दिव्य संगम है।


श्री यंत्र क्या है?

श्री यंत्र को देवी त्रिपुर सुंदरी का साक्षात स्वरूप माना जाता है। यह नवावरण में स्थित एक रहस्यमयी यंत्र है जिसमें ब्रह्मांड की सम्पूर्ण शक्तियाँ संकेंद्रित होती हैं।

🔻 यह यंत्र नौ स्तरों में विभाजित होता है:

  1. त्रैलोक्य मोहन चक्र

  2. सार्वाशा परिपूरक चक्र

  3. सर्वसंक्षोभिणी चक्र

  4. सर्वसौभाग्यदायक चक्र

  5. सर्वार्थ साधक चक्र

  6. सर्वरक्षाकर चक्र

  7. सर्वरोगहर चक्र

  8. सर्वसिद्धिप्रद चक्र

  9. सर्वानंदमयी चक्र (बिंदु में देवी)

श्री यंत्र की उपासना श्रीविद्या साधना का मूल है और यह साधक को भौतिक और आध्यात्मिक दोनों ही समृद्धियाँ प्रदान करती है।


श्री यंत्र मंदिर: स्थापत्य और ऊर्जा का चमत्कार

इस मंदिर की विशेषता यह है कि यहाँ श्री यंत्र को केवल एक प्रतीक रूप में नहीं, बल्कि तांत्रिक विज्ञान और ध्यान के सजीव केंद्र के रूप में स्थापित किया गया है।

🔹 स्थापत्य की विशेषताएँ:

  • मंदिर का संपूर्ण ढाँचा श्री यंत्र के नौ आवरणों के अनुसार बना है।

  • हर परिक्रमा में एक विशेष शक्ति और साधना अनुभव की जाती है।

  • मुख्य गर्भगृह में माँ त्रिपुर सुंदरी की ध्यानमग्न मूर्ति प्रतिष्ठित है, जो शुद्ध तांत्रिक पद्धति से जाग्रत की गई है।


स्वामी विश्वदेवानंद जी महाराज का योगदान

इस मंदिर की स्थापना परम पूज्य स्वामी विश्वदेवानंद जी महाराज ने की थी, जो स्वयं एक सिद्ध तपस्वी, श्रीविद्या उपासक और महान तांत्रिक संत थे। उनकी वर्षों की तपस्या, ध्यान और कृपा से यह स्थान आज एक शक्तिपीठ के रूप में विकसित हो चुका है।

स्वामी जी का मानना था:

"श्री यंत्र केवल पूजा का साधन नहीं, यह आत्मज्ञान और ब्रह्मानंद का प्रवेशद्वार है।"


श्री यंत्र मंदिर का महत्व साधकों के लिए

जो भी भक्त या साधक यहाँ सच्चे मन से आता है, उसे निश्चित ही माँ की कृपा का अनुभव होता है। यहाँ नियमित रूप से होने वाली नवावरण पूजन, ललिता सहस्रनाम, और श्रीचक्र आराधना में भाग लेकर साधक अपने जीवन को दिव्यता की ओर मोड़ सकता है।

यहाँ ध्यान करने मात्र से:

  • मानसिक शांति प्राप्त होती है

  • नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है

  • साधना में गति आती है

  • और माँ त्रिपुर सुंदरी की कृपा से जीवन में स्थायित्व आता है


कैसे पहुँचें?

  • स्थान: श्री यंत्र मंदिर, कनखल, हरिद्वार, उत्तराखंड

  • नजदीकी स्टेशन: हरिद्वार रेलवे स्टेशन (लगभग 5 किमी)

  • समय: प्रातः 5:30 से रात्रि 8:00 तक

  • विशेष पर्व: नवरात्रि, गुरु पूर्णिमा, ललिता जयंती


नमन

श्री यंत्र मंदिर केवल एक मंदिर नहीं, बल्कि एक सजीव साधना पीठ है, जहाँ माँ की शक्ति, गुरु की कृपा और तंत्र का रहस्य एक साथ प्रत्यक्ष अनुभव किया जा सकता है।
यदि आप तांत्रिक साधना, ध्यान और आत्मिक उन्नति की खोज में हैं, तो इस मंदिर का दर्शन आपके जीवन में एक नया अध्याय खोल सकता है।

🙏🏼 जय माँ त्रिपुर सुंदरी।  



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